अंधेरी रात थी, और मौसम में अजीब सा सन्नाटा था। गाँव के बाहरी इलाके में स्थित एक पुरानी हवेली के बारे में यह अफवाह थी कि वहाँ एक डरावना साया रहता है। कोई भी उस हवेली के करीब जाने की हिम्मत नहीं करता था
अनुज हमेशा आधी रात को उठता था। यह उसकी आदत बन चुकी थी, पर उसे कभी नहीं पता था कि इस रात का उसका अनुभव उसे पूरी तरह बदल कर रख देगा। यह एक ठंडी रात थी, और चाँद की हल्की रोशनी कमरे में फैल रही थी।
यह एक ठंडी और अंधेरी रात थी, जब अजय दिल्ली से अपने गाँव लौटने के लिए ट्रेन में चढ़ा। वह थका हुआ था और यात्रा के अंत तक पहुंचने का इंतजार कर रहा था। ट्रेन की खिड़कियों से बाहर का दृश्य एक अजीब सी नीरवता में डूबा हुआ था
अंशुल और उसकी बहन नीता एक छोटे से गाँव में रहते थे। गाँव के बाहरी इलाके में एक पुराना, टूटा-फूटा मकान था, जिसे लोग "साया वाला घर" कहते थे। अफवाह थी कि उस घर में एक रहस्यमयी परछाईं रहती है,
अर्पिता अपने नए घर में पहली बार आई थी। वह और उसके परिवार ने कुछ महीने पहले ही इस पुराने घर को खरीदा था, जो शहर के एक शांत इला
रात का समय था, और अजय अपनी कार से शहर लौट रहा था। आसमान में घने बादल छाए हुए थे और हल्की बारिश हो रही थी। रास्ता सुनसान था और
आदित्य और उसके दोस्तों ने कुछ महीने पहले ही उस रहस्यमय जंगल के बारे में सुना था। ये जंगल, जिसे 'भयानक जंगल' कहा जाता था, हमेश
मिहिर को हमेशा से रहस्यमय चीजों में दिलचस्पी थी, और जब उसे एक दिन एक अजीब सा खत मिला, तो उसकी जिज्ञासा और भी बढ़ गई। यह खत कि
विक्रम नामक एक अनुभवी जासूस को एक नई और जटिल घटना की जांच करने के लिए बुलाया गया। एक युवती, प्रिया, अचानक गायब हो गई थी। उसके
विशाल और सुनसान जंगल के बीच में एक खंडहर था। लोग उसे खंडहर का रास्ता कहते थे, और उसके पास से गुजरने का नाम तक कोई नहीं लेता थ
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