रात का समय था, और अजय अपनी कार से शहर लौट रहा था। आसमान में घने बादल छाए हुए थे और हल्की बारिश हो रही थी। रास्ता सुनसान था और घड़ी रात के 11 बजा रही थी। अचानक, गूगल मैप्स ने संकेत दिया कि मुख्य रास्ता बंद है और उसे एक वैकल्पिक रास्ता लेना होगा। अजय ने अनजान रास्ते पर कार मोड़ दी, लेकिन यह उसकी सबसे बड़ी भूल साबित होने वाली थी।
नया रास्ता एक घने जंगल से होकर गुजरता था। चारों तरफ अंधेरा था और केवल कार की हेडलाइट्स ही रास्ते को रोशन कर रही थीं। सड़क के दोनों ओर ऊंचे पेड़ थे, और कोई भी जीवित या मृत प्राणी नजर नहीं आ रहा था। अजय ने सोचा कि शायद यह सिर्फ उसकी सोच है, लेकिन थोड़ी देर बाद, अजीब सा अहसास उसे घेरने लगा।
कुछ दूर चलने के बाद, अजय की कार का टायर अचानक पंक्चर हो गया। उसने कार को साइड में खड़ा किया और बाहर निकला। लेकिन जब उसने टायर को बदलने के लिए अपनी कार का सामान निकाला, तो वह देखकर चौंक गया कि कार के ट्रंक में जरूरी उपकरण नहीं थे। यह कुछ और ही रहस्यमयी था।
अजय को लगा कि वह किसी से मदद मांगे। उसने अपना फोन निकाला, लेकिन सिग्नल भी गायब था। अंधेरे में उसकी टॉर्च के साथ ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया। वह धीरे-धीरे, कदम से कदम मिलाते हुए, जंगल के अंदर चलने लगा। तभी, उसे महसूस हुआ कि कोई उसे दूर से देख रहा है। वह बार-बार पीछे मुड़कर देखता, लेकिन वहाँ कोई दिखाई नहीं देता।
अजय का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उसने फिर से एक बार पीछे मुड़कर देखा, और इस बार उसकी आँखों के सामने एक कटा-फटा झोपड़ा नजर आया। झोपड़ी में हल्की सी रोशनी थी, जिससे उसे थोड़ा सा राहत महसूस हुआ। उसने डरते-डरते दरवाजे को खटखटाया। कुछ ही सेकेंड में दरवाजा खुला और एक बूढ़ा आदमी बाहर आया।
बूढ़े आदमी ने अजय से पूछा, "इतनी रात को यहाँ कैसे आए? यह रास्ता सुरक्षित नहीं है।" अजय ने उसे अपनी समस्या बताई, और बूढ़े आदमी ने उसे अंदर आने का इशारा किया। अंदर जाकर अजय ने महसूस किया कि यह झोपड़ी किसी अजनबी दुनिया से बाहर निकली हुई थी। कमरे की दीवारों पर अजीब और भयावह चित्र बने हुए थे, जो जैसे उसे घूर रहे थे।
बूढ़े आदमी ने उसे चाय दी, लेकिन अजय को चाय में कुछ गड़बड़ महसूस हुई। चाय पीते हुए उसकी आँखें भारी होने लगीं। उसने सोचा कि शायद यह सिर्फ थकान है, लेकिन तभी उसने झोपड़ी के कोने में एक और आदमी को छिपते हुए देखा। उस आदमी का चेहरा धुंधला था, और उसकी आँखों में कुछ बहुत अजीब था।
अजय ने समझ लिया कि यह सब कुछ सामान्य नहीं था। वह खुद को होशियार दिखाते हुए कहने लगा, "मुझे अपने दोस्त को बुलाना है। वह पास ही है।" वह बिना देर किए बाहर जाने का बहाना बनाने लगा। जैसे ही वह बाहर आया, उसका दिल धड़कने लगा। उसके सामने कोई और रास्ता नहीं था, लेकिन वह जानता था कि वह खतरे में है।
जैसे ही अजय ने दौड़ना शुरू किया, उसे अचानक दूर से कुछ कदमों की आवाज़ें सुनाई दीं। पीछे से किसी की तेज़-तेज़ भागने की आवाज़ें आ रही थीं। अजय और तेज़ी से दौड़ने लगा। वह सोचने लगा कि क्या यह सपना है या वह सचमुच इस घने जंगल में फंस गया है। दौड़ते हुए, उसकी नजर एक पुलिस वैन पर पड़ी।
अजय ने पुलिस को अपनी पूरी आपबीती बताई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और झोपड़ी पर छापा मारा। जब पुलिस ने अंदर जाकर देखा, तो पाया कि वहाँ दो अपराधी छिपे हुए थे। ये अपराधी रात के समय राहगीरों को लूटते थे और बाद में उन्हें जंगल में मार डालते थे। अजय ने राहत की सांस ली।
पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार किया और अजय से कहा कि वह सुकून से घर लौट सकता है। अजय ने पुलिस का धन्यवाद किया और मन ही मन यह सोचा कि अगर वह सही वक्त पर मदद नहीं लेता, तो शायद वह भी उन अपराधियों का शिकार बन जाता।
अजय ने यह ठान लिया कि वह आगे से कभी भी किसी अनजान रास्ते पर यात्रा नहीं करेगा। उसने जाना कि अपनी सुरक्षा से समझौता करना कितना खतरनाक हो सकता है। इस अनुभव ने उसे यह सिखाया कि जंगल की अंधेरी राहों पर यात्रा करते समय एक कदम भी गलत खड़ा करना जीवन के लिए जोखिम भरा हो सकता है।
हालांकि वह घर लौट आया, लेकिन वह कभी भी उस अनजान रास्ते को भूल नहीं सका। रात की अंधेरी सन्नाटे में, वह आज भी उन घटनाओं के बारे में सोचता है। वह जानता था कि अगली बार अगर गूगल मैप्स उसे फिर किसी अनजाने रास्ते पर भेजेगा, तो वह शायद अपनी यात्रा वापस मोड़ लेगा, क्योंकि कुछ रास्ते कभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते।
अजय ने सीखा कि अनजान रास्ते पर सतर्क रहना और किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना कितना जरूरी है। जीवन में हमेशा किसी भी अनजानी जगह पर कदम रखने से पहले पूरी तरह से सोच-समझ कर निर्णय लेना चाहिए।
सीख: अनजान रास्ते पर कभी भी अति आत्मविश्वास में न रहें। सतर्कता और सूझबूझ से ही आप मुश्किल परिस्थितियों से बच सकते हैं।