आदित्य और उसके दोस्तों ने कुछ महीने पहले ही उस रहस्यमय जंगल के बारे में सुना था। ये जंगल, जिसे "भयानक जंगल" कहा जाता था, हमेशा से ही लोगों के बीच डर और रहस्य का विषय रहा था। गाँव वाले कहते थे कि इस जंगल में जो भी जाता, वह कभी वापस नहीं आता। डर के बावजूद, आदित्य और उसके दोस्तों ने तय किया कि वे इस जंगल की सच्चाई का पता लगाएंगे। उन्होंने सुना था कि कई लोग यहाँ अपनी जान से हाथ धो चुके थे, और कुछ लोगों का कहना था कि जंगल के अंदर एक शक्ति बसी हुई है जो उसे नुकसान पहुंचाती है।

एक ठंडी शाम, जब सूरज ढलने को था, आदित्य और उसके चार दोस्त जंगल की ओर निकल पड़े। जंगल में प्रवेश करते ही एक अजीब सी खामोशी छा गई। पत्तों की सरसराहट, पक्षियों की चहचहाहट, सब कुछ मानो बंद हो गया था। जैसे ही वे अंदर बढ़े, अंधेरा घना होने लगा और एक अजीब सी ठंडक उनके शरीर को महसूस होने लगी। जैसे-जैसे वे आगे बढ़ रहे थे, जंगल का वातावरण और भी भयावह होता जा रहा था। उनकी सांसें तेज़ हो गईं, और आदित्य को लगने लगा कि शायद वे एक गलत फैसले पर आ चुके थे।

"क्या तुम्हें लगता है ये सब सिर्फ अफवाहें हैं?" आदित्य ने अपने दोस्त रोहन से पूछा, जो थोड़ा घबराया हुआ था। रोहन ने डरते हुए कहा, "नहीं, आदित्य, मुझे लगता है यहाँ कुछ गलत है।" लेकिन आदित्य ने उसकी बातों को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ने का फैसला किया। अचानक एक तेज़ हवा आई, और कुछ पत्ते उनके ऊपर गिरने लगे। यह देखकर रोहन और पूजा घबराए, लेकिन आदित्य ने उन्हें शांत करते हुए कहा, "यह सब बस एक संयोग है, कुछ नहीं।"

जंगल के अंदर और गहरे जाने पर, उन्हें एक पुराना और टूटा-फूटा मंदिर दिखाई दिया। मंदिर की दीवारों पर जाले और घास उगी हुई थी, लेकिन सबसे अजीब बात यह थी कि वहाँ का वातावरण बहुत ठंडा था, जैसे कुछ अविश्वसनीय वहाँ छिपा हो। आदित्य ने सोचा कि यहाँ कुछ तो है, लेकिन वह डर को नज़रअंदाज करते हुए अंदर जाने का इरादा किया। उनका दिल तेजी से धड़क रहा था, लेकिन साहस जुटाकर उन्होंने मंदिर की ओर कदम बढ़ाए। जैसे ही उन्होंने मंदिर के पास कदम रखा, एक अजीब सी गूंजने वाली आवाज़ सुनाई दी, जैसे किसी ने उनका नाम पुकारा हो।

जैसे ही वे मंदिर के अंदर घुसे, एक तीव्र शोर गूंजने लगा। अचानक, उन्हें एहसास हुआ कि वे अकेले नहीं थे। किसी ने उनका पीछा किया था। आदित्य ने घबराए हुए दोस्तों से कहा, "किसी ने हमें फॉलो किया है!" वे सभी तेजी से मुड़े, लेकिन पीछे मुड़ते ही उन्होंने देखा कि कोई भी नहीं था। वह एहसास था कि कोई अदृश्य ताकत उनके आसपास थी।

"यह क्या था?" पूजा ने घबराते हुए पूछा। तभी एक भयंकर आवाज़ आई, जैसे कोई चीख रहा हो। आदित्य ने टॉर्च की रोशनी घुमाई, और उन्हें सामने एक अदृश्य ताकत महसूस हुई। तभी एक साया उन्हें नजर आया, जो हवा में झूल रहा था। एक कटा-कटा सा चेहरा और लाल आँखें चमक रही थीं। साया किसी अजीब गति से उनकी ओर बढ़ने लगा। आदित्य के दोस्तों के चेहरे पर भय का मिश्रण था। उनका डर और भी बढ़ गया, और वे तेजी से पीछे हटने लगे।

वह साया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ने लगा। आदित्य का दिल तेजी से धड़कने लगा। वे जितना पीछे हटने की कोशिश करते, वह साया उतना ही पास आता। आदित्य की आँखों के सामने अंधेरे में यह साया मानो और भी विकराल हो गया था। अचानक, वह साया अंधेरे में गायब हो गया। सब लोग सांस रोके खड़े थे, और तभी उन्हें खामोशी में एक और डरावनी आवाज़ सुनाई दी। "तुम यहाँ से बाहर नहीं जा सकते," आवाज़ गहरी और रहस्यमयी थी।

"तुमने हमारे क्षेत्र में कदम रखा है," एक गहरी आवाज़ सुनाई दी, जो जैसे उनके कानों के अंदर गूंज रही हो। आदित्य ने घबराते हुए कहा, "हम सिर्फ देखना चाहते थे, हम कुछ नहीं करेंगे।" लेकिन आवाज़ और भी तेज़ हुई, "तुम में से कोई भी यहाँ से बाहर नहीं जाएगा।" यह आवाज़ मानो सीधे उनके दिल में समा रही थी, और आदित्य को लगने लगा कि वे किसी खतरनाक शक्ति के जाल में फंस चुके हैं।

तभी एक तेज़ बर्फीली हवा चली, और सब लोग हड़बड़ाते हुए भागने लगे। लेकिन जैसे ही वे दौड़े, रास्ते बदलने लगे। वे उसी रास्ते पर बार-बार लौट रहे थे जहाँ से वे पहले आ चुके थे। जंगल का हर कोना उन्हें अजनबी और घेरता हुआ महसूस हो रहा था। धीरे-धीरे, उनकी हिम्मत टूटने लगी। आदित्य के मन में खयाल आया कि क्या यह जंगल कभी खत्म होगा, या वे हमेशा यहीं फंसे रहेंगे।

फिर अचानक, आदित्य ने एक दीवार देखी, जो जैसे हवा में उभरी थी। उस दीवार पर कुछ अजीब संकेत थे, जो अभी तक किसी ने नहीं देखे थे। वह समझ गया कि यह दीवार जंगल के रहस्यों को छिपाने का एक तरीका था। आदित्य ने दीवार को धक्का दिया और जैसे ही वह हिली, सब कुछ शांत हो गया। एक अजीब सा सन्नाटा छा गया, और जंगल की आवाजें अचानक से गायब हो गईं। यह महसूस हुआ कि जैसे ही दीवार हिली, उन्होंने किसी पुराने रहस्य को खोल दिया था।

वह दीवार अचानक गायब हो गई और सभी दोस्तों ने देखा कि वे जंगल से बाहर निकल आए थे। लेकिन जब उन्होंने पीछे मुड़कर देखा, तो वे सबका दिल कांप उठा। जंगल की गहरी खामोशी उन्हें अब भी महसूस हो रही थी, जैसे वह जंगल कभी उन्हें जाने नहीं देगा। हर पेड़ और पत्ते जैसे अब भी उन्हें घेरने के लिए तैयार थे। आदित्य को समझ में आया कि यह जंगल सिर्फ एक स्थान नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।

आदित्य और उसके दोस्तों ने तय किया कि वे अब कभी भी इस भयानक जंगल में कदम नहीं रखेंगे। लेकिन वे सभी यह जानते थे कि यह जंगल कभी उनका पीछा नहीं छोड़ेगा। भयानक जंगल का रहस्य उनके साथ हमेशा रहेगा। अब, जब भी वे रात को अकेले होते, उन्हें जंगल की खामोशी और उस अजीब साया की याद आ जाती। आदित्य जानता था कि जंगल ने उन्हें सिर्फ अपने डर से नहीं, बल्कि अपने गहरे रहस्य से भी सिखाया था।

सीख: कुछ रहस्यों को कभी नहीं उजागर करना चाहिए। डर सिर्फ एक भावना नहीं, बल्कि वह किसी खतरनाक शक्ति का संकेत भी हो सकता है। कभी-कभी, कुछ स्थानों पर कदम रखना हमारे लिए ठीक नहीं होता।