अंधेरी रात थी, और मौसम में अजीब सा सन्नाटा था। गाँव के बाहरी इलाके में स्थित एक पुरानी हवेली के बारे में यह अफवाह थी कि वहाँ एक डरावना साया रहता है। कोई भी उस हवेली के करीब जाने की हिम्मत नहीं करता था। लेकिन रोहित, जो एक जिज्ञासु युवक था, इन अफवाहों पर यकीन नहीं करता था। उसने ठान लिया कि वह इस रहस्य का पता लगाएगा।

एक रात, रोहित अपने दोस्तों को बताकर हवेली की ओर चल पड़ा। उसने अपनी टॉर्च और एक कैमरा साथ लिया। जैसे ही वह हवेली के करीब पहुंचा, उसे ऐसा महसूस हुआ कि कोई उसे देख रहा है। हवेली के बाहर पुरानी बेलें लिपटी हुई थीं, और खिड़कियाँ टूटी हुई थीं। हवेली के अंदर घुसते ही ठंडी हवा का एक झोंका उसके चेहरे से टकराया, और वह एक अजीब सी सिहरन महसूस करने लगा।

हवेली के अंदर का माहौल डरावना था। दीवारों पर धुंधले निशान थे, और छत से मकड़ियों के जाले लटके हुए थे। रोहित ने जैसे ही टॉर्च की रोशनी आगे की, उसने देखा कि फर्श पर धूल भरी जगहों पर किसी के पैरों के ताज़ा निशान थे। यह देखकर उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।

अचानक, एक कोने से खटखटाने की आवाज़ आई। रोहित ने हिम्मत करके उस ओर बढ़ने का फैसला किया। जैसे ही वह आवाज़ के करीब पहुंचा, उसने देखा कि वहाँ एक पुराना झूला था, जो बिना किसी हवा के खुद ही हिल रहा था। वह पीछे मुड़कर भागने ही वाला था कि तभी उसे अपनी पीठ के पीछे एक साया नजर आया।

साया बड़ा और डरावना था। वह धीरे-धीरे रोहित की ओर बढ़ने लगा। रोहित का दिल तेज़ी से धड़क रहा था। उसने सोचा कि अब उसकी जान नहीं बचेगी। लेकिन तभी उसने अपने कैमरे से साये की तस्वीर खींचने की कोशिश की। जैसे ही कैमरे की फ्लैश लाइट चमकी, साया अचानक गायब हो गया।

रोहित ने बिना समय गवाए वहाँ से भागने का फैसला किया। बाहर आते ही उसने सुना कि हवेली से किसी के चीखने की आवाज़ आ रही थी। वह पूरी ताकत से भागता हुआ गाँव में लौट आया और अपने दोस्तों को यह घटना सुनाई। गाँव वालों ने कहा, "तुमने वह साया देखा, जो सालों से वहाँ है। कोई नहीं जानता कि वह कौन है, लेकिन जो भी उसे देखता है, वह कभी न कभी लौटकर फिर हवेली जाता है।"

रोहित ने उस दिन के बाद से तय किया कि वह कभी किसी पुरानी हवेली के करीब नहीं जाएगा। लेकिन साये की वह तस्वीर, जो उसके कैमरे में कैद हुई थी, आज भी उस रात के रहस्य को जिंदा रखती है।

कुछ दिनों बाद, रोहित के मन में एक नया ख्याल आया। उसने सोचा कि हो सकता है कि वह सिर्फ अपने डर की वजह से वह साया देख रहा था। क्या यह सचमुच था, या सिर्फ एक भ्रांति थी? यह सवाल उसे परेशान करने लगा। एक दिन, उसने फिर से हवेली का दौरा करने का मन बनाया, लेकिन इस बार वह अकेला नहीं था। उसने अपने सबसे करीबी दोस्त, विजय, को भी साथ लिया।

विजय ने रोहित से कहा, "तुम फिर से वहां जा रहे हो? मुझे लगता है कि हमें इस मामले को यहीं छोड़ देना चाहिए।" लेकिन रोहित का मन नहीं मान रहा था। उसे यह जानने की जिज्ञासा थी कि वह साया किसका था और आखिर हवेली के बारे में ऐसी अफवाहें क्यों थीं।

वे दोनों हवेली पहुंचे और रात के सन्नाटे में फिर से वहाँ दाखिल हुए। हवेली का माहौल पहले जैसा ही डरावना था। इस बार रोहित ने अपने कैमरे के अलावा एक आवाज़ रिकॉर्ड करने वाला डिवाइस भी साथ लिया। दोनों धीरे-धीरे हवेली के भीतर बढ़े। जैसे ही वे एक कमरे में पहुंचे, उन्होंने एक और अजीब सी आवाज़ सुनी। यह आवाज़ बिल्कुल वैसी थी जैसी रोहित ने पिछली बार सुनी थी।

विजय घबराया हुआ था और उसने रोहित से कहा, "चलो, हम तुरंत यहाँ से निकलते हैं।" लेकिन रोहित ने उसे शांत करते हुए कहा, "मुझे लगता है हम बहुत करीब हैं। हमें इस आवाज़ का स्रोत ढूंढना चाहिए।" दोनों एक कमरे से दूसरे कमरे में गए, लेकिन हर जगह सन्नाटा था। अचानक, एक कमरे के भीतर एक पुराना दरवाजा खड़कने की आवाज़ आई।

रोहित ने विजय की तरफ देखा और संकेत किया कि वे दरवाजे की ओर बढ़ें। जैसे ही वे दरवाजे के पास पहुंचे, वह अपने कैमरे से एक तस्वीर खींचने लगा। अचानक दरवाजा खुला, और दोनों अंदर दाखिल हो गए। कमरे में एक पुराना अलमारी रखा था। जैसे ही उन्होंने अलमारी खोला, अंदर एक पुरानी डायरी और कुछ दस्तावेज़ पड़े थे।

डायरी को खोलते ही रोहित और विजय ने पढ़ा कि हवेली के बारे में कई साल पहले एक रहस्य था। वहाँ रहने वाले लोग अचानक गायब हो गए थे, और कहा जाता था कि वे उस साये के शिकार हो गए थे। दस्तावेज़ों में यह भी लिखा था कि उस साये के बारे में किसी ने कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी थी, लेकिन जो भी उस हवेली में घुसता था, उसे अपने पिछले दरवाजे का सामना करना पड़ता था।

जैसे ही दोनों ने दस्तावेज़ों को पढ़ा, उन्हें लगा जैसे हवेली की दीवारें अब उन्हें निगलने के लिए तैयार हो रही थीं। वे भागने ही वाले थे कि अचानक कमरे में एक ठंडी और घनी हवा का झोंका आया। दोनों कांपते हुए बाहर की ओर दौड़े, लेकिन जब तक वे हवेली से बाहर निकल पाते, दरवाजे के पास कुछ कदम दूर वह डरावना साया फिर से खड़ा था।

साया धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रहा था, लेकिन इस बार रोहित ने अपने कैमरे से उसे फिर से कैद करने की कोशिश की। जैसे ही कैमरे की फ्लैश लाइट चमकी, साया एक बार फिर गायब हो गया। दोनों ने इस बार तुरंत हवेली से बाहर निकलने का फैसला किया और गाँव लौट आए।

गाँव में लौटकर दोनों ने गाँव वालों से हवेली के पुराने इतिहास के बारे में और जानकारी ली। वहाँ के बुजुर्गों ने बताया कि वह साया दरअसल एक मृत व्यक्ति का आत्मा था, जो कुछ गलत कामों के कारण हमेशा के लिए हवेली में फंस गया था। जो भी उसे देखता था, वह किसी भी कीमत पर हवेली में फिर से लौटने की ताकत पा लेता था।

रोहित ने अब यह समझ लिया कि कभी-कभी हमें कुछ रहस्यों को हल करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं जो हमें अपनी जिज्ञासा के कारण खतरों में डाल सकती हैं।

सीख: हर रहस्य को उजागर करना जरूरी नहीं। कभी-कभी जिज्ञासा हमें खतरनाक परिस्थितियों में डाल सकती है।