रोहन को हमेशा से अजीब और खौफनाक कहानियाँ पसंद थीं, लेकिन उसने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन उसे खुद खौफ का सामना करना पड़ेगा। एक रात, वह अपने दोस्तों के साथ एक पुराने और सुनसान घर की ओर बढ़ा। यह घर सालों से बंद पड़ा था और आसपास के लोग कहते थे कि यहाँ कुछ असाधारण घटनाएँ घटित होती हैं।

रोहन और उसके दोस्त उस घर के बारे में सुनी हुई अफवाहों को नकारते हुए अंदर जाने का फैसला करते हैं। घर का दरवाजा खटखटाने के बाद, वह चुपचाप अंदर घुसे। घर का माहौल बहुत अजीब था, दीवारों पर धूल जमी हुई थी, और खिड़कियाँ पूरी तरह से बंद थीं। रोहन के मन में एक अजीब सा डर बैठने लगा, लेकिन उसने अपने दोस्तों के सामने डर को जाहिर नहीं किया।

जैसे ही वे घर के भीतर और गहरे गए, अचानक एक ठंडी हवा का झोंका आया। एक अजीब सी गूंज भी सुनाई दी, जैसे किसी ने चिल्लाया हो। उनके कदम रुक गए। तभी एक कटा-कटा हुआ रूप सामने आया, जो किसी साए जैसा था। यह एक साया था, जो धीरे-धीरे उनके पास आ रहा था।

रोहन और उसके दोस्त डर से कांप रहे थे, लेकिन साया उनके सामने आकर एक आवाज़ में बोला, "तुम सब यहाँ क्यों आए हो? क्या तुम जानते हो कि इस घर में क्या हुआ था?" उसकी आवाज़ में डर और क्रोध दोनों थे। रोहन का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, लेकिन उसने अपने डर को संभालते हुए पूछा, "तुम कौन हो?"

साया हंसा और बोला, "मैं उस घर में मरा हुआ व्यक्ति हूं। मैं यहाँ फंसा हुआ हूँ। कोई नहीं जानता कि मैं यहाँ क्यों आया था। इस घर के रहस्यों को जानने का साहस किसी ने नहीं किया। लेकिन तुम लोग यहाँ क्यों आए हो? क्या तुम भी मेरी तरह इस घर में फंसना चाहते हो?" साया धीरे-धीरे रोहन की ओर बढ़ा, और उसकी आँखों में एक खौ़फनाक चमक थी।

रोहन ने साहस जुटाया और साया से पूछा, "तुम हमें क्यों डराना चाहते हो? हम सिर्फ घर का रहस्य जानने आए हैं।" साया चुप हो गया और फिर कहा, "तुम नहीं जानते कि यह घर क्या है। यहाँ जो भी आता है, वह कभी नहीं लौटता। वह यहाँ फंस जाता है। तुम्हारे साथ भी यही होगा।" इसके बाद, साया गायब हो गया, और कमरे में सन्नाटा छा गया।

अचानक, घर के दरवाजे बंद हो गए, और रोहन को समझ में आ गया कि वह अब बाहर नहीं निकल सकता था। डर के मारे वह घबराया हुआ था, और उसके दोस्तों ने भी उसकी मदद करने की कोशिश की। लेकिन घर का वातावरण अब और भी डरावना हो गया था। हर दीवार से एक आवाज़ आ रही थी, जैसे कोई कह रहा हो, "तुम फंस गए हो। तुम बाहर नहीं जा सकते।"

रोहन ने एक आखिरी बार दरवाजा खोला, लेकिन जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उसे एक खौ़फनाक तस्वीर दिखाई दी। यह वही साया था, जो अब उसके सामने खड़ा था। "तुम हमारे साथ रहोगे," उसने कहा, और रोहन का दिल हिला दिया। अचानक, उसने महसूस किया कि वह खुद को किसी अंधेरी और रहस्यमय दुनिया में खो चुका था।

लेकिन तभी, उसकी आंखों के सामने एक रोशनी आई। वह रोशनी धीरे-धीरे उसके शरीर को घेरने लगी, और उसके बाद उसने खुद को बाहर पाया। वह जानता था कि उसने इस खौ़फनाक अनुभव से बचने के लिए कुछ सच्चाई जान ली थी। हालांकि, वह यह जान चुका था कि खौ़फ का सामना करना एक ऐसी यात्रा हो सकती है, जो हमें कभी नहीं छोड़ती।

अगले कुछ दिनों तक रोहन सामान्य था, लेकिन वह उस घर और साए के बारे में बार-बार सोचता रहा। उसके मन में सवालों का एक तूफान था। क्या वह सचमुच उस रहस्यमय दुनिया से बाहर आ चुका था? क्या वह साया अब उसे छोड़ देगा? या फिर उसकी यह यात्रा अब खत्म नहीं हुई थी?

एक रात, रोहन फिर से उस घर की ओर जाने का सोचने लगा। उसके मन में यह ख्याल था कि शायद वह उन सवालों के जवाब ढूंढ सके जो उसके मन में बार-बार घूमते रहते थे। वह समझ चुका था कि जिस दुनिया का सामना उसने किया था, वह एक अलग और खौ़फनाक थी। उसे महसूस हो रहा था कि उस साए ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया था, और अब वह उसके बिना किसी हालात में नहीं बच सकता।

वह अपने दोस्तों को बताने के बाद घर की ओर बढ़ा, और इस बार वह अकेला नहीं था। उसने अपने दोस्तों को साथ लिया, और वे सब एक बार फिर से उस खौ़फनाक घर की ओर बढ़े। लेकिन इस बार घर का माहौल और भी ज्यादा सर्द और अंधेरे जैसा था। उनका मन डर से भरा हुआ था, लेकिन वह अपने डर को छिपाने की कोशिश कर रहे थे।

घर के भीतर जाने के बाद, उन्हे फिर से वही ठंडी हवा का झोंका महसूस हुआ। साया उनके सामने आया, और इस बार उसकी आँखों में गहरी शांति थी, जैसे उसने किसी बड़ी सजा का सामना किया हो। "तुम अब वापस नहीं जा सकते," साया बोला, "यह घर अब तुम्हारी जिंदगी बन चुका है।"

रोहन और उसके दोस्तों ने समझा कि वे अब घर से बाहर नहीं जा सकते थे। वे सभी उस रहस्यमय दुनिया में फंसे हुए थे। और इस बार, साया उनके साथ था, उनका पीछा करता हुआ। वह जान गए थे कि यह खौ़फ अब उनके साथ हमेशा के लिए रहेगा।

"तुम्हारी यात्रा अब खत्म नहीं हुई," साया फिर से बोला। "यहां से जो भी चला जाएगा, वह कभी पूरी तरह से नहीं जाएगा। तुम समझ रहे हो ना?" इस बार उसकी आवाज में कोई भावनाएं नहीं थीं, केवल एक ठंडक थी।

रोहन को अब यह एहसास हो गया कि उस खौ़फ के साथ उसका सामना केवल एक भूतिया अनुभव नहीं था, बल्कि यह उसकी नई वास्तविकता बन चुका था। उसे अब यही महसूस हो रहा था कि वह उस घर में फंसा हुआ था, और वह कभी नहीं निकल पाएगा।

सीख: कभी भी किसी अंधेरे और खौ़फनाक रहस्य को हल करने की कोशिश मत करो, क्योंकि एक बार जब आप किसी अज्ञात और डरावनी शक्ति से सामना करते हो, तो वह आपको छोड़ती नहीं। कभी-कभी हमें डर का सामना करने की बजाय उससे दूर रहना चाहिए।